जिंदगी की राहें
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Monday, June 24, 2013
पतवार
झील का शांत जल
ठंडा
,
शीतल
पर एक पत्थर या कंकड़
के गिरते ही
झंकृत कर देती है
जल तरंग संगीत
और फिर
नाविक की पतवार
जब करती है
जल को पीछे की ओर
आगे बढ़ता नाव
और पृष्ठ भूमि से
एक बंगला गीत
"जोदी तोर डाक सुने केयू
ना आसे तोबे एकला चलो रे ...... "
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