एक आम भारतीय को
सुनाई पड़ती आवाज़
उसकी वाणी से निकालता
विवश स्वर
और दिल के किसी कोने में
एक मासूम सी दमित इच्छा
काश सच हो जाये
कहना सुनना
और बोलना
"आल इज वेल"
अरे बाबा !
आतंकवादियों की गोली
नेताओं की टोली
और बोली
आश्वासन की रंगोली
हो जाये सच
फिर तो
होगा ही होगा
"आल इज वेल"
जाति वाद का दंगा..
या फिर हो खाकी वर्दी से पंगा
बुद्धि विवेक को मित्र बनाओ
बनाओ मंदिर राम लाला का
या फिर मस्जिद में करो अजान
या फिर सोचो और बनाओ..
विद्या दान का मंदिर महान
फिर तो
होगा ही होगा
"आल इज वेल"
आतंक वाद को दे दो फांसी..
चलने न दो दाउद का धंधा
चाहे पड़े विदेशी फंदा..
अनमोल है रक्त हमारा
समझे नहीं इन्हें कोई मंदा
अमन का पैगाम..
तब फैलेगा
जब मिट जायेगा
कथनी करनी का अंतर
पहला कदम जब होगा खुद का
फिर तो
होगा ही होगा
"आल इज वेल"
"आल इज वेल"
"आल इज वेल"
___________________________________________________________
अंत में सौ बात की एक बात...काश हम सब भारतीय ये शपथ लें की हम अमन और शांति के समर्थक रहेंगे...........
HAPPY INDEPENDENCE DAY !!!
— feeling सुंदर और खूबसूरत भारतवर्ष के सपने के साथ :)