जड़त्व के नियम के अनुसार ही, वो रुकी थी, थमी थी,
निहार रही थी, बस स्टैंड के चारो और
था शायद इन्तजार बस का या किसी और का तो नहीं ?
जो भी हो, बस आयी, रुकी, फिर चली गयी
पर वो रुकी रही ... स्थिर !
यानि उसका अवस्था परिवर्तन हुआ नहीं !!
तभी, एकदम से सर्रर्र से रुकी बाइक
न्यूटन के गति के प्रथम नियम का हुआ असर
वो, बाइक पर चढ़ी, चालक के कमर में थी बाहें
और फिर दो मुस्कुराते शख्सियत फुर्र फुर्र !!
प्यार व आकर्षण का मिश्रित बल
होता है गजब के शक्तिसे भरपूर
इसलिए, दो विपरीत लिंगी मानवीय पिंड के बीच का संवेग परिवर्तन का दर
होता है, समानुपाती उस प्यार के जो दोनों के बीच पनपता है
प्यार की परकाष्ठा क्या न करवाए !!
न्यूटन गति का द्वितीय नियम, प्यार पर भारी !!
प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया
तभी तो
मिलती नजरें, या बंद आँखों में सपनों का आकर्षण
दुसरे सुबह को फिर से करीबी के अहसास के साथ
पींगे बढाता प्यार
न्यूटन के तृतीय नियम के सार्थकता के साथ !!
गति नियम के
एक - दो - तीन करते हुए प्यार की प्रगाढ़ता
जिंदगी में समाहित होती हुई
उत्प्लावित होता सम्बन्ध
विश्थापित होते प्यार की तरलता के बराबर !!
जीने लगते है आर्कीमिडिज के सिद्धांत के साथ
दो व्यक्ति
एक लड़का - एक लड़की !!