मैं
मेघ की आहट में
मचलता मोर
मेरे रंगीले सपने
जैसे मोर के सुनहले पंख
मेरी उम्मीद
जैसे छोटा सा उसका
तिकोना चमकता मुकुट
मेरी वास्तविकता
नाचते मोर के भद्दे पैर
नजर पड़ी जैसे ही
उन कुरूप पैरों पर
रुक गया नाचना थिरकना
मैं एक मोर
उम्मीद सपने और वास्तविकता के साथ
जी रहा हूँ बस !
~मुकेश~