क्या कर्क व मकर रेखा के मध्य
कुछ अलग ही अक्षांश और देशांतर के साथ
झुकी हुई एक ख़ास काल्पनिक रेखा
कुछ अलग ही अक्षांश और देशांतर के साथ
झुकी हुई एक ख़ास काल्पनिक रेखा
पृथ्वी के उपरी गोलार्ध पर मानी जा सकती है ?
ताकि तुम्हारे उष्ण कटिबंधीय स्थिति की वजह से
ये आभासी प्रेम का तीर सीधा चुभे सीने पर
ताकि तुम्हारे उष्ण कटिबंधीय स्थिति की वजह से
ये आभासी प्रेम का तीर सीधा चुभे सीने पर
फिर वहीँ मिलूँगा मैं तुम्हारे सपने में
आजाद परिंदे की मानिंद
और हाँ, वो ख्व़ाब होगा मानीखेज
उस ख़ास समय का
जब सूर्य का ललछौं प्रदीप्त प्रकाश
होगा तुम्हे जगाने को आतुर
हलके ठन्डे समीर के कारवां में बहते हुए
तुम्हारे काले घने केश राशि को ताकता अपलक
उसमें से झांकता तुम्हरा मुस्कुराता चेहरा
कुछ तो लगे ऐसा जैसे हो
बहती गंगा के संगम सा पवित्र स्थल
और खो चुके हम उस धार्मिक इह लीला में
आजाद परिंदे की मानिंद
और हाँ, वो ख्व़ाब होगा मानीखेज
उस ख़ास समय का
जब सूर्य का ललछौं प्रदीप्त प्रकाश
होगा तुम्हे जगाने को आतुर
हलके ठन्डे समीर के कारवां में बहते हुए
तुम्हारे काले घने केश राशि को ताकता अपलक
उसमें से झांकता तुम्हरा मुस्कुराता चेहरा
कुछ तो लगे ऐसा जैसे हो
बहती गंगा के संगम सा पवित्र स्थल
और खो चुके हम उस धार्मिक इह लीला में
क्या संभव है हो एक अजब गजब जहाज
जो बरमूडा ट्रायंगल जैसे किसी ख़ास जगह में
तैराते रहे हमें
ताकि ढूंढ न पाए कोई जीपीएस सिस्टम
बेशक सबकी नजरें कह दे कि हम हो चुके समाधिस्थ
पर रहें हम तुम्हारे प्रेम के भूगोल में खोएं
एक नयी दुनिया बसायें
अपने ही एक ख़ास 'मंगल' में
जो बरमूडा ट्रायंगल जैसे किसी ख़ास जगह में
तैराते रहे हमें
ताकि ढूंढ न पाए कोई जीपीएस सिस्टम
बेशक सबकी नजरें कह दे कि हम हो चुके समाधिस्थ
पर रहें हम तुम्हारे प्रेम के भूगोल में खोएं
एक नयी दुनिया बसायें
अपने ही एक ख़ास 'मंगल' में